बीते दिन चिराग पासवान ने केन्द्रीय मंत्री नित्यानंद राय से मुलाकात की..और इस मुलाकात के कई मायने निकाले जा रहे हैं....सवाल ये है कि क्या 'चिराग' से रोशन हो पाएगा NDA?क्या बिहार चिराग़ पासवान मोदी सरकार के विस्तार के दौरान कैबिनेट में शामिल हो सकते हैं...देखिए रामविलास पासवान के निधन के बाद चाचा पशुपति पारस और भतीजे चिराग़ पासवान में दूरी आ गई... उस वक़्त बीजेपी ने चिराग के चाचा का साथ दिया लेकिन शायद अब बीजेपी को भी एहसास हो गया है कि रामविलास पासवान की विरासत की नुमाइंदगी चिराग़ पासवान ही करते हैं.... उनका लौटना बिहार के दलित वोटरों को NDA की तरफ़ जोड़ सकता है क्योंकि दलितों के एक और बड़े नेता जीतनराम मांझी पहले ही एनडीए से हाथ मिला चुके हैं...सवाल आता है कि बिहार का दलित वोट बैंक क्या कहता है?देखिए बिहार में दलित आबादी करीब 16 प्रतिशत है... राज्य की 40 में से 13 सीटों पर दलित वोटर बेहद असरदार हैं...इन 13 सीटों पर दलित आबादी 3 लाख से ज्यादा है... बिहार की 6 सीटें दलितों के लिए आरक्षित हैं... साल 2019 में सभी 6 सीटों पर NDA को जीत मिली थी...इस लिहाज से एनडीए चाहेगी कि चिराग़ पासवान की नाराजगी जल्दी दूर की जाए.. #chiragpaswan #nitishkumar #bjp #jdu #ljpr #2024 #loksabhachunav #bihar #hindi