लोकसभा में जम्मू-कश्मीर अनुसूचित जनजाति आदेश संशोधन विधेयक लाया गया। इसके तहत पहाड़ी समुदाय को अनुसूचित जनजाति का दर्जा मिलेगा। हालांकि, गुज्जर-बक्करवाल समुदाय को प्राप्त आरक्षण कोटे और सुविधाओं में किसी भी प्रकार की कटौती नहीं की गई है। वही इस ऐतिहासिक स्वास्थ्य को लेकर RSS के नेशनल एग्जीक्यूटिव मेंबर इंद्रेश कुमार ने कहा कि गुज्जर बकरवाल समुदाय के लोगों ने जो बातें गृह मंत्री अमित शाह से कहीं उनकी सब बातों को मानकर उनकी भी सुविधा के प्रतिशत को बढ़ाया । गुज्जर बकरवाल समुदाय के आरक्षित कोटे में से कुछ नहीं कटेगा पहाड़ी समुदाय के लोगों को जो मिला उसको अतिरिक्त में मिला है और गुज्जर बकरवाल को जो आरक्षण दिया जा रहा है उसमें से कुछ नहीं कटा पहाड़ियों को अलग आरक्षण दिया जा रहा है जम्मू का भी पहाड़ी इलाका है कश्मीर का भी पहाड़ी इलाका है पांच विधायक सांसद तक अपने वोट का अच्छा इस्तेमाल कर सके और हमने पूरा संतुलन रखा है और प्रस्ताव पेश किया है उसके कारण अभी तक यह लग रहा है बहुत संतुलित ढंग से गुज्जर बकरवाल समुदाय के लोगों का पूरा सम्मान रखा है।