पर्सनल लॉ बोर्ड की इस मीटिंग में बोर्ड अध्यक्ष सैफुल्ला रहमानी मौलाना खालिद रशीदी फिरंगी महली और बोर्ड के सदस्य और कानूनी जानकर शमिल हुए, वहीं लॉ कमीशन की इस कवायद पर मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड का कहना है कि, 2018 में विधि आयोग ने ही कहा था कि, इसकी कोई जरुरत नहीं है, अब जो UCC की बात कही जा रही है, वो धार्मिक भावना के खिलाफ है...बैठक में ये भी फैसला लिया गया कि लॉ कमीशन के सामने UCC को लेकर वो अपना पक्ष रखेंगे और कागजात भी पेश करेंगे...इसलिए बोर्ड की ये भी मांग है कि, इसमें राय देने के लिए 1 महीने की बजाए 6 महीने का वक्त दिया जाए...।