बांदा जेल में इस बार नहीं चलेगी मुख्‍तार की 'मुख्‍तारी'

उत्‍तर प्रदेश की बांदा जेल में इस बार मुख्‍तार की 'मुख्‍तारी' नहीं चलेगी। बैरक नंबर-15 में उनकी जिंदगी बिल्‍कुल किसी आम कैदी की तरह होगी। मुख्‍तार, आपराधिक मामलों में बंद हैं सो उन्‍हें राजनीतिक बंदी नहीं माना जाएगा। हालांकि एक समय था जब इसी जेल में मुख्‍तार का सिक्‍का चलता था। वह जब पहली बार बांदा जेल में बंद थे तो दूसरे अपराधी उनके नाम से थर-थर कांपते थे। मुख्‍तार के पास वर्षों के जेल जीवन का अनुभव है। जेलों में उनका दरबार लगता रहा है लेकिन इस बाद न दरबार होगा न मुंख्‍तारी। मुख्‍तार को वही सुविधाएं मिलेंगी जो जेल में किसी भी दूसरे कैदी को मिलती हैं।