Lok Sabha Election: नेहरु के फूलपुर लोकसभा सीट से चुनाव लड़ेंगे नीतीश कुमार? 2024 । loksabha ।

आने वाले लोकसभा चुनाव को लेकर सभी राजनीति दलों ने कमर कस ली है।अगले लोकसभा चुनाव के लिए समाजवादी पार्टी इस बार एक नया प्रयोग करने की तैयारी में है...इस प्रयोग के बहाने अखिलेश यादव बीजेपी के एक मज़बूत वोट बैंक में सेंध लगाना चाहते हैं... अगर ये फ़ार्मूला चल गया तो फिर इसका फ़ायदा समाजवादी पार्टी होगा जबकि नुकसान बीजेपी को हो सकता है.... हालांकिअखिलेश यादव के इस नए राजनीतिक दांव के लिए बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की इजाज़त ज़रूरी होगी...नीतीश को यूपी से चुनाव लड़ना होगा...जैसे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वाराणसी को अपना लोकसभा क्षेत्र बनाया है....देखिए जेडीयू के भी कई नेता इस बात की वकालत कर रहे हैं कि नीतीश लोकसभा का चुनाव लड़ें...पार्टी के कुछ बड़े नेताओं की राय है कि नीतीश दो जगहों से चुनाव लड़ें, जिसमें से एक सीट बिहार की हो और दूसरी सीट यूपी की....अब तक मिली जानकारी के अनुसार नीतीश के प्रयागराज के पास फूलपुर से चुनाव लड़ाने की चर्चा है....जेडीयू की यूपी यूनिट इसके लिए फूलपुर में सर्वे करवा रही है.... अभी ये सीट बीजेपी के क़ब्ज़े में है.... एक जमाने में देश के पहले प्रधानमंत्री पंडित जवाहर लाल नेहरू यहां से सांसद चुने जाते थे....फूलपुर के लोगों ने पंडित जवाहर लाल नेहरू को तीन बार सांसद बनाया है... देश की आजादी के बाद से पहले प्रधानमंत्री पंडित जवाहर लाल नेहरू ने इसको संसदीय क्षेत्र बनाया और बड़ी आसानी से तीन बार जीत दर्ज की.... पंडित नेहरू ने यहां से 1952, 1957 और 1962 में चुनाव जीता था.... ये सीट हमेशा से बीजेपी के लिए चुनौती बनी रही. अयोध्या आंदोलन के समय 'राम लहर' में भी बीजेपी यहां से जीत नहीं पाई थी.... लेकिन साल 2014 में चली 'मोदी लहर' ने कई रिकॉर्ड ध्वस्त कर दिए और फूलपुर भी उससे अछूता नहीं रहा...बहरहाल, नीतीश कुमार अगर फूलपुर से चुनाव लड़ते हैं तो विपक्ष को क्या फ़ायदा होगा! पहले इसे समझते हैं...इस लोकसभा सीट पर नीतीश की जाति कुर्मी वोटरों का दबदबा है... इसी बिरादरी के लोग जीत हार तय करते हैं...नीतीश के चुनाव लड़ने से ये मैसेज जाएगा कि वे भी प्रधानमंत्री पद के दावेदार हैं. नीतीश के नाम के बहाने इस जाति के वोटर गोलबंद हो सकते हैं...अगर ऐसा हुआ तो समाजवादी पार्टी की लॉटरी निकल सकती है...तरह तरह के गठबंधन करने के बावजूद चुनावों में अखिलेश यादव को अपेक्षित सफलता नहीं मिली है...क्या पता नीतीश कुमार उनके लिए लकी साबित हो जाए..राजनीतिक ताक़त के हिसाब से OBC में यादव के बाद कुर्मी को सबसे प्रभावशाली जाति माना जाता रहा है. एक अनुमान के मुताबिक़ राज्य में 6% कुर्मी वोटर हैं. अब तक का चुनावी इतिहास ये बताता रहा है कि यूपी में कभी भी इस समाज के लोग एक नेता के पीछे नहीं रहे.. #phulpur #nitishkumar #akhileshyadav #2024 #loksabhachunav #bihar #oppositionmeeting