'खेला होबे' बना जिताऊ नारा, ममता की इन स्कीम्स ने जिताया बंगाल

आज का पूरा दिन चुनाव परिणामों के नाम रहा। सबसे दिलचस्प रुझान पश्चिम बंगाल के थे। शुरुआती रुझानों में भाजपा और टीएमसी के बीच कांटे टक्कर नजर आई। लेकिन जैसे जैसे समय बढ़ता गया, वोटो की गिनती बढ़ती गई, ये कांटे की टक्कर फासलों में बदलती गई। और फिर एक वक्त ऐसा आया जब टीएमसी के रुझान डबल सेंचुरी बना गए लेकिन भाजपा शतक को भी न छू पाई। रुझानों में टीएमसी भारी बहुमत के साथ सत्ता में आ रही है। वहीं भाजपा हार जरूर गई लेकिन पश्चिम बंगाल की राजनीति में न सिर्फ मजबूत हुई बल्की 37.8 फीसदी वोट शेयर के साथ अब विपक्ष में नजर आएगी। ममता की जीत में ममता की जनकल्याणकारी योजनाओं का बहुत बड़ा रोल है। इस समय ममता की जीत के कई कारण बताए जा रहे हैं जिसमें कहा जा रह है कि बीजेपी में कोई सीएम पद का चेहरा नही था, ‘बाहरी’ होना भी वजह है, सीपीएम-कांग्रेस के वोट बैंक ममता के पक्ष में गए, ध्रुवीकरण का फायदा टीएमसी को ज्यादा मिला। ये सब भी बड़ी वजह हैं ममता की जीत की लेकिन उनकी योजनाओं की वजह से बंगाल की जनता के बीच में, खासकर गरीब तबके और महिलाओं में जो छबि उनकी बनी है, उसे हिला पाना मुश्किल है।