मेरठ न्यूज: मेरठ में सिर्फ 2.67 फीसदी हरियाली जबकि 33 फीसदी है मानक

मेरठ लोकल न्यूज: हिन्दुस्तान स्मार्ट बुलेटिन में उत्तर प्रदेश के मेरठ से हिमांशु द्विवेदी की रिपोर्ट मेरठ के मौजूदा हालात की अगर हम बात करें तो आंकड़े बेहद चिंताजनक हैं। यहां ना तो साफ हवा है और ना ही शुद्ध पानी। हरियाली भी अब नाममात्र की बची है। वनीकरण अभियान चलाया गया इसके बावजूद हरियाली में मेरठ अभी अपने दो दशक पहले के स्तर पर भी नहीं पहुंच पाया। मेरठ में मात्र 2.67 फीसदी हरियाली है, जबकि मानक के अनुसार कुल भौगोलिक क्षेत्र के 33 फीसदी हिस्से में हरियाली होनी चाहिए। आप आसानी से समझ सकते हैं कि मेरठ में घने वन हैं ही नहीं। पानी की गुणवत्ता बेहद खराब है। भूजल स्तर 200 फीट तक नीचे जा चुका है। साल के 12 महीनों में मेरठ में मात्र दो महीने ही साफ हवा मिल रही है। बाकी दस महीने मेरठ के लोग प्रदूषित हवा में सांस लेते हैं। विश्व पर्यावरण दिवस पर हरियाली, हवा और पानी के यह आंकड़े डराते जरूर हैं, लेकिन सच्चाई यही है।