ग्रहों की स्थिति-चंद्रमा और राहु दोनों ग्रहण योग बनाकर वृषभ राशि में बैठै हैं। ऐसा होगा कि कुछ दिन तक चंद्रमा उच्च के नहीं रहेंगे। यह विडम्बना है। चंद्रमा के उच्च का जो घर है उसमें राहु पहले से विद्यमान हैं जो लगभग डेढ़ वर्ष तक रहेंगे। इसका अर्थ यह है कि अगले डेढ़ वर्ष तक चंद्रमा उच्च के नहीं होंगे। वह जब भी वृषभ राशि में आएंगे, राहु के साथ संयोग करके ग्रहण योग बनाएंगे। यह एक बहुत ही नकारात्मक योग होगा जो महीने में एक बार बनेगा। शुक्र सिंह राशि में हैं। सूर्य कन्या राशि में हैं। बुध तुला राशि में हैं। केतु वृश्चिक राशि में हैं। गुरु धनु राशि में हैं। शनि मकर राशि में हैं। मंगल वक्री होकर मीन राशि में चल रहे हैं। ग्रहण योग बनने से जनमानस की मानसिक स्थिति थोड़ी दबाव में रहेगी। एक निराशा का बना रहेगा, जो सब पर लागू है।