बाहुबली पूर्व सांसद आनंद मोहन की रिहाई का रास्ता साफ हो गया है..जी हां बिहार सरकार के एक नोटिफिकेशन से ऐसा ही लगता है। अब जेल से रिहाई के लिए नियम को बदल दिया गया है। गोपालगंज के तत्कालीन DM कृष्णैया हत्याकांड में आनंद मोहन सहरसा जेल में बंद हैं, मगर अब नए नियम के मुताबिक जल्द ही उनकी जेल से रिहाई हो सकती है..नीतीश सरकार ने 10 अप्रैल को एक मुख्य फैसला लिया और परिहार कानून में संसोधन किया गया जिसके बाद कैबिनेट से मंजूरी मिलने के बाद आनंद मोहन को लाभ मिलेगा..ताजा संसोधन के अनुसार किसी सरकारी सेवक की हत्या होती है तो उसके दोषियों को परिहार के नियमों का लाभ मिलेगा...क्योंकि अब ऐसे हत्याकांड को भी साधारण हत्या की कोटि में माना जाएगा...उनकी रिहाई के लिए अब सरकार से आदेश की जरुरत नहीं पड़ेगी...जेल में अच्छा आचरण और परिहार की अन्य शर्तें पूरी करने पर सरकारी सेवकों की हत्या के दोषियों को भी छोड़ा जा सकता है...अब आपको समझाते हैं कि आनंद मोहन की रिहाई में क्या बाधा थी...देखिए बिहार की रीमिशन यानि परिहार की पॉलिसी-1984 में 2002 में दो बड़े बदलाव किए गए थे। बदलाव के तहत 5 कैटेगरी के कैदी को नहीं छोड़ने का प्रावधान शामिल किया गया था। ये ऐसे कैदी होते हैं, जो एक से अधिक मर्डर, डकैती, बलात्कार, आतंकवादी साजिश रचने और सरकारी अधिकारी की हत्या के दोषी होंगे। उनके छोड़ने का निर्णय सरकार लेगी।लेकिन अब जो संसोधन किया है इसमें ऐसी कोई शर्तें नहीं होंगी...बहरहाल, बता दें आनंद मोहन पिछले 6 महीने में तीन बार पैरोल पर बाहर आ चुके हैं। 4 दिन पहले बेटे की सगाई के लिए उन्हें 15 दिन की पैरोल मिली है।आपको याद होगा इससे पहले भी नीतीश कुमार के सामने आनंद मोहन के रिहाई की मांग की गई थी...तब मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने भी इस संबंध में इशारा दिया था। उन्होंने मंच से ही इस बात की घोषणा की थी कि वो आनंद मोहन की रिहाई के बारे में सोच रहे हैं। काम किया जा रहा है।एक बार नीतीश का पुराना बयान भी सुन लीजिए.... #anandmohan #nitishkumar #jdu #rjd #bihar