निर्भया की मां बोलीं- न महान हूं, न बनना चाहती हूं, गुनहगारों को फांसी मिले और बेटी को इंसाफ

राजधानी दिल्ली में 16 दिसंबर 2012 की उस रात को कौन भूल सकता है जब बस के अंदर चलती बस में एक लड़की के साथ छह लोगों ने वहशियाना खेल खेला था। उस बहादुर निर्भया को आज भी इंसाफ का इंतजार है।